mp cm

मध्य प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम का सस्पेंस आखिरकार आठ दिन बाद खत्म हो गया। भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया। पार्टी ने मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है। विधायक दल की बैठक में उनके नाम की घोषणा की गई। वह लगातर तीन बार से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं। 

उज्जैन दक्ष‍िण सीट से मोहन यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्‍मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव को 12941 वोटों से हराया था। मोहन यादव को जहां 95699 वोट मिले थे तो वहीं चेतन प्रेमनारायण यादव को 82758 वोट मिले थे। मालूम हो कि मोहन यादव आरएसएस के बेहद करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं। वह साल 2013 में पहली बार विधायक बने थे। यादव शिवराज सिंह सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे।

मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। इनके लिए जो दो नाम सामने आ रहे हैं, वे हैं- जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेंद्र शुक्ला रीवा से विधायक हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का एलान किया गया है। 

नतीजों के बाद सीएम के चेहरे पर सस्पेंस
चुनाव जीतने के बाद से सभी मन में यह सवाल था कि राज्य का अगला सीएम कौन होगा? शिवराज सिंह चौहान चुनाव जीतने के बाद से ही लोगों के बीच जा रहे थे। माताओं-बहनों से मिल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि वे मध्य प्रदेश में ही रहेंगे। उन्होंने बार-बार पार्टी का हर फैसला मानने की बात भी दोहराई थी। इस बीच विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले भाजपा सांसदों ने इस्तीफा देकर मामले को और रोचक बना दिया। इसी के साथ माना जाने लगा था कि सीएम पद की रेस में शिवराज के अलावा कई दिग्गज भी हैं।

मोहन यादव के बारे में जानिए-

  • उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं मोहन यादव
  • शैक्षणिक योग्यता – बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए.(राजनीतिक- विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी.
  • व्यवसाय – वकालत, व्‍यापार, कृषि
  • राजनीतिक कॅरियर – सन 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह-सचिव, 1984 में अध्‍यक्ष
  • 2013 में पहली बार विधायक बने। इससे पहले पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे।
  • 2018 में भी उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद कमल नाथ सरकार गिरने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री बने।
  • राजनीति की शुरुआत 1982 में माधव विज्ञान कालेज छात्र संघ के सह सचिव पद से हुई। 1984 में वे छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे।
  • 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री
  • 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्य प्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य
  • 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा
  • 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री.
  • 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह
  • 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह
  • 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य
  •  1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य
  •  1999 में भारतीय जनता युवा मोर्चा  के उज्जैन संभाग प्रभारी
  •   2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य
  •  2000-2003 में भाजपा के नगर जिला महामंत्री

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *